बिना तलाक के दूसरी शादी करना भारत में अपराध है या नहीं? इस लेख में जानिए हिन्दू विवाह अधिनियम, IPC की धाराएं, मुस्लिम कानून और दूसरी शादी से जुड़े कानूनी अधिकार, सरल भाषा में।
जब कभी किसी महिला या पुरुष को यह पता चलता है कि उनके पति या पत्नी ने उनके रहते दूसरी शादी कर ली है, तो सबसे पहले मन में यही सवाल उठता है — क्या ये कानूनन सही है? क्या भारत में बिना तलाक के दूसरी शादी करना जायज़ है या गैरकानूनी?
1. भारतीय विवाह कानून को समझिए

भारत में शादी को एक पवित्र बंधन माना जाता है और इस बंधन को लेकर अलग-अलग धर्मों के अपने नियम और कानून होते हैं।
हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 में यह सब आते है – हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन धर्म के लोग इसके अंतर्गत आते हैं।
मुस्लिम पर्सनल लॉ – इसमें कुछ विशेष शर्तों के साथ पुरुष को चार विवाह की अनुमति है।
ईसाई विवाह अधिनियम, 1872
पारसी विवाह और तलाक अधिनियम, 1936
विशेष विवाह अधिनियम, 1954 – जब आप धर्म से हटकर कोर्ट मैरिज करते हैं।
हर कानून की एक बात साफ है – जब तक आपकी पहली शादी कानूनी रूप से खत्म नहीं होती, तब तक आप दूसरी शादी नहीं कर सकते (कुछ खास मामलों को छोड़कर)।
2. क्या बिना तलाक के दूसरी शादी अपराध है?
राजेश एक साधारण व्यक्ति है जो दिल्ली में नौकरी करता है। उसकी शादी 2012 में हुई थी, लेकिन कुछ समय बाद उसका वैवाहिक जीवन बिगड़ने लगा और दोनों पति-पत्नी अलग रहने लगे।
राजेश ने बिना कोर्ट से तलाक लिए 2020 में दूसरी शादी कर ली, यह सोचकर कि पहली पत्नी से तो अब कोई रिश्ता नहीं रहा।
जब पहली पत्नी को इसकी जानकारी मिली, तो उसने IPC धारा 494 और 495 के तहत केस दर्ज करा दिया। कोर्ट ने दूसरी शादी को अवैध मानते हुए राजेश के खिलाफ कार्रवाई शुरू की और राजेश को 6 महीने की जेल व जुर्माना देना पड़ा।
आज राजेश कहता है काश मुझे पहले से पता होता कि सिर्फ अलग रहना तलाक नहीं होता मैंने अपनी ज़िंदगी मुश्किल बना ली।
अगर आपने कोर्ट से तलाक नहीं लिया है और अपने पति/पत्नी के जिंदा रहते दूसरी शादी कर ली, तो ये भारत के कानून में अपराध है।
हिन्दू विवाह अधिनियम में 1955 की धारा में 5 से लेकर 11 के तक के अनुसार
- एक ही समय में दो शादी करना अवैध है।
- दूसरी शादी शून्य (Void) मानी जाएगी यानी कानून उसे मान्यता नहीं देगा।
3. क्या सज़ा हो सकती है?

अब बात करते हैं सज़ा की।
भारतीय दंड संहिता में आईपीसी की धारा 494 क्या कहती है:
यदि किसी व्यक्ति ने अपने जीवनसाथी के जीवित रहते दूसरी शादी की है, तो यह अपराध माना जाएगा।
इस पर सात साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।
IPC की धारा 495:
यदि दूसरी शादी करने वाले ने पहली शादी की जानकारी छुपाई है, तो 10 साल तक की जेल हो सकती है।
4. क्या अलग रहना यानी ‘सेपरेशन’ काफी है?
कई बार लोग सोचते हैं कि अगर वे पति या पत्नी से अलग रह रहे हैं (सेपरेटेड हैं), तो वे दूसरी शादी कर सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है।
सिर्फ अलग रहना कानूनी तलाक नहीं होता।
जब तक कोर्ट से तलाक का लिखित आदेश (डिक्री) नहीं मिलता, तब तक दूसरी शादी अवैध मानी जाएगी।
5. तलाक के बाद ही दूसरी शादी कैसे करें?
कोर्ट से तलाक लेने के बाद ही दूसरी शादी करना पूरी तरह से कानूनी है।
तलाक की डिक्री मिलने के बाद आप स्वतंत्र होते हैं और तब आप नए सिरे से विवाह कर सकते हैं।
6. मुस्लिम कानून में क्या है?

अब बात करते हैं मुस्लिम समुदाय की। वहाँ कुछ अलग नियम हैं:
मुस्लिम पुरुष को एक समय में चार विवाह करने की अनुमति है, बशर्ते वह सभी पत्नियों के साथ न्याय कर सके।
लेकिन महिला को एक समय में केवल एक ही पति रखने की अनुमति है।
यहां भी अगर कोई पुरुष दूसरी शादी करता है और पहली पत्नी को जानकारी नहीं देता, तो कई बार अदालत इसे धोखा मान सकती है।
7. अगर कोई व्यक्ति छुपकर दूसरी शादी करे तो क्या करें?
अगर आपको पता चले कि आपके जीवनसाथी ने आपके रहते किसी और से शादी कर ली है, तो:
1. पुलिस थाने जाइए और FIR दर्ज करवाएं – आईपीसी धारा 494 और 495 के अनुसार
2. सबूत इकट्ठा करें – दूसरी शादी के फोटो, शादी कार्ड, सोशल मीडिया पोस्ट, गवाह आदि।
3. कानूनी सलाह लें – किसी अनुभवी वकील से मिलकर केस की रणनीति बनाएं।
8. दूसरी पत्नी या पति के क्या अधिकार हैं?

यदि किसी ने दूसरी शादी की है जो अवैध है, तो वह दूसरी पत्नी या पति को कानूनी जीवनसाथी का दर्जा नहीं मिलता।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में दूसरी पत्नी और उसके बच्चों को कुछ हद तक संरक्षण दिया है।
यदि पत्नी को धोखे से फंसाया गया है, तो वह पति से भरण-पोषण (Maintenance) मांग सकती है।
9. क्या पंचायत से तलाक लेना काफी है?
नहीं।
पंचायत द्वारा दिया गया तलाक कानूनन मान्य नहीं होता।
भारत में केवल Family Court द्वारा दिया गया तलाक ही मान्य होता है।
10. क्या करें और क्या न करें – सरल सुझाव
क्या करें:
शादी को कानूनी रूप से रजिस्टर कराएं।
अगर रिश्ता बिगड़ता है तो पहले कोर्ट से तलाक लें।
दूसरी शादी का विचार तभी करें जब पहली शादी पूरी तरह से खत्म हो चुकी हो।
क्या न करें:
गुपचुप तरीके से शादी न करें।
किसी को धोखे में रखकर शादी करना भारी पड़ सकता है।
कानून को हल्के में न लें, क्योंकि इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
11. अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1: क्या बिना तलाक लिए दूसरी शादी करना जुर्म है?
हाँ, यह जुर्म है और इसके लिए सज़ा हो सकती है।
Q2: अगर पति दूसरी शादी कर ले और पत्नी को बताए न तो क्या कर सकती है?
पत्नी यह काम करे वह थाने जाकर पति के खिलाफ 494 और 495 के तहत केस दर्ज करा दे
Q3: क्या अलग-अलग धर्म वालों पर भी ये नियम लागू होते हैं?
हाँ, विशेष विवाह अधिनियम (Special Marriage Act) के अंतर्गत बिल्कुल सभी धर्मों को मानने वाले लोगों के लिए नियम समान हैं।
Q4: क्या सिर्फ कोर्ट में तलाक की अर्जी देने से दूसरी शादी हो सकती है?
नहीं, तलाक की प्रक्रिया पूरी होकर डिक्री मिलने के बाद ही दूसरी शादी वैध होती है।
तो साथियों, बात साफ है – भारत के कानून के अनुसार जब तक पहली शादी कानूनी रूप से खत्म नहीं हो जाती, तब तक दूसरी शादी करना अपराध है। यह न केवल समाज में एक गलत उदाहरण पेश करता है, बल्कि इससे कई लोगों की भावनाएं और जिंदगी प्रभावित होती हैं।
अब आपको क्या करना चाहिए?
अगर आपको भी लगता है कि आपके साथ कुछ ऐसा हुआ है या हो रहा है
आपका जीवनसाथी दूसरी शादी कर चुका है या करने की योजना में है, तो चुप मत बैठिए।
तुरन्त किसी योग्य वकील से संपर्क करें, और उचित कानूनी सलाह लें।
हर स्थिति का हल है बस सही जानकारी और सही कदम समय पर उठाने की ज़रूरत है।
