भारत में रहने वाले नागरिकों को यह 20 कानूनी अधिकार जानना चाहिए – nidhilawblog

इस पोस्ट पर आपको बताएंगे ऐसे भारतीय नागरिकों के यह 20 कानूनी अधिकार जो हर भारतीय को पता होना चाहिए, भारत के नागरिकों को कानून के बारे में सामान्य जानकारी होनी चाहिए और यह ऐसे कानून loss of consortium है जो आमतौर पर अगर न पता हो तो आप मुसीबत में भी पड़ सकते है

भारतीय नागरिकों के यह 20 कानूनी अधिकार

20 कानूनी अधिकार

यह 20 कानूनी अधिकार आपको एक एक करके बता रहे आप पूरा ध्यान से पढ़े और समझे और बचे ऐसे अपराध या लापरवाही करने से हमारा उद्देश्य आपको सच्ची और sahai जानकारी देकर आपका मार्गदर्शन करना

1. मोटर वाहन एक्ट – यदि आप परिवार के साथ या अकेले एवं दोस्तो के साथ कही भी जा रहे और आप वाहन चला रहे है तो आपके 100 ml ब्लड पर अल्कोहल की मात्रा 30 mg से ज्यादा मिलता है तो वहां की पुलिस बिना किसी वारंट के आपको गिरफ्तार कर सकती है यह कानून में मोटर वाहन एक्ट, 1988, सेक्शन–185,202 पर लिखा है

2. आपराधिक प्रक्रिया संहिता – यदि कोई महिला अपराधिक है या उस पर कोई इल्जाम लगा है तो शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक इन 12 घंटो तक गिरफ्तार नही किया जा सकता है यह कानून मे आपराधिक प्रक्रिया संहिता, सेक्शन 46 पर लिखा है

3. भारतीय दण्ड संहिता – यदि कोई भी नागरिक अपनी समस्या लेकर पुलिस थाना जाता है और एफआईआर लिखवाना चाहता है तो पुलिस अफसर FIR लिखने से मना नहीं कर सकते है, यदि वो आपकी नही सुनते है तो उनको तो 6 माह से 1 वर्ष की जेल हो सकती है

4. भारतीय सरिउस अधिनियम यदि आप कही जा रहे और आपको प्यास लगी या वाशरूम जाना है तो आप किसी भी 5 स्टार होटल या कोई भी होटल पर जाकर अपनी प्यास बुझा सकते है कोई होटल ऐसे करने से नही रोक सकता है यह कानून में भारतीय सरिउस अधिनियम 1887 पर लिखा है।

5. भारतीय दंड संहिता व्यभिचार – यदि कोई भी शादीशुदा व्यक्ति किसी अविवाहित लड़की से विधवा से उसकी सहमति पर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता है तो यह अपराध की श्रेणी मे नही आता है ऐसा कानून में भारतीय दंड संहिता व्यभिचा, धारा 498 में लिखा है।

6. घरेलू हिंसा अधिनियम – यदि वयस्क लड़का और लड़की अपनी इच्छा से लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहते है तो यह गैर कानूनी नही है और तो और उनके द्वारा होने वाले संतान भी गैर कानूनी नही है और पिता की संपत्ति में संतान का पुरा हक होगा ऐसा कानून में घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 में लिखा है।

7. पुलिस एक्ट – यदि कोई व्यक्ति किसी पुलिस अधिकारी से अपनी शिकायत करता है तो वह यह नहीं कह सकता है कि पीड़ित की मदद नहीं कर सकता क्योंकि वह ड्यूटी पर नहीं है क्योंकि पुलिस अधिकारी हमेशा ड्यूटी पर ही होता है चाहे उसने यूनिफार्म पहनी हो या न पहनी हो यह कानून में पुलिस एक्ट, 1861 में लिखा है।

8. मातृत्व लाभ अधिनियम – यदि कोई महिला गर्भवती है तो कोई भी कंपनी उस महिला को नौकरी से नही निकाल सकती है ऐसा करने पर 3 साल तक की सजा हो सकती है। ऐसा कानून में मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961

9. आयकर अधिनियम – आपको टैक्स के उलंघन के मामले मे कर वसूली अधिकारी को अधिकार है की वह आपको गिरफ्तार कर सके लेकिन वह आपको गिरफ्तार करने से पहले नोटिस भेजेंगे केवल टैक्स कमिश्नर ही यह फैसला कर सकता है की आपको कितनी देर तक हिरासत में रखना है यह कानून में आयकर अधिनियम, 1961 पर लिखा है

10. हिंदू मैरिज एक्ट की धारा – तलाक निम्न आधारो पर लिया जा सकता है, हिंदू मैरिज एक्ट के तहत कोई भी पति या पत्नी तलाक के लिए कोर्ट मे अर्जी दे सकती है अर्जी दाखिल करने के पीछे यह कारण होने चाहिए तभी अर्जी स्वीकार किया जाएगा जैसे – व्याभिचार (शादी के बाहर शारीरिक रिश्ता बनाना), शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना, नपुंसकता, बिना बताए ही घर छोड़कर चले जाना, हिंदू धर्म को छोड़कर अन्य धर्म अपनाना, लाइलाज बीमारी, पागलपन, वैराग्य लेने और सात वर्ष तक कोई अता –पता न होने पर के आधार पर तलाक की अर्जी दाखिल की जा सकती है यह कानून में हिंदू मैरिज एक्ट की धारा–13 पर लिखा है।

11. मोटर वाहन अधिनियम यदि कोई नागरिक गाड़ी चला रहा है और ट्रैफिक पुलिस के द्वारा वाहन से चाभी निकाल ली जाती है तो यह बिल्कुल गैर कानूनी है इसके लिए आप चाहे तो उस कांस्टेबल या अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर सकते है, मोटर वाहन अधिनियम की धारा 128 के तहत बाइक में दो व्यक्ति का बैठने का प्रावधान है और धारा 129 के तहत वाहन चालकों को हेलमेट लगाने का प्रावधान है।

12. दंड प्रक्रिया संहिता – केवल महिला पुलिस कर्मी ही किसी महिला को गिरफ्तार करके थाने ला सकती है पुरुष पुलिसकर्मियों को किसी महिला को गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं है और यही ही नही शाम 6 से सुबह 6 के बीच थाने जाने से महिला मना कर सकती है गंभीर अपराध के मामले मे ही मजिस्ट्रेट से लिखित आदेश मिलने पर ही पुरुष पुलिस अधिकारी महिला को गिरफ्तार कर सकता है यह कानून में दंड प्रक्रिया संहिता,1973

13. बहुत ही कम लोग ही यह बात जानते है – कि खाना बनाते समय गैस सिलेंडर फट जाए तो जान और माल की भरपाई के लिए वह गैस कंपनी से 40 लाख की सहायता के लिए हकदार है।

14. विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम – यदि आप किसी त्यौहार के मौके पर किसी कंपनी से कोई गिफ्ट लेते है तो यह एक रिश्वत की श्रेणी में आता है इसके लिए आपको जेल की सजा हो सकती है यह कानून में विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (FCRA) 2010

15. मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक – यदि आपका बिना हेलमेट के सफर करने या किसी अन्य कारण से कोई ट्रेफिक पुलिस चालान काटती है तो फिर दोबारा उसी अपराध के लिए आपका चालान नही कटा जा सकता है यह कानून में मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2016

16. अधिकतम खुदरा मूल्य अधिनियम – किसी भी दुकानदार का मालिक ग्राहक से अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक रुपए नही मांग सकते है लेकिन उपभोक्ता अधिकतम खुदरा मूल्य से कम पर उत्पाद खरीदने के लिए भाव तौल कर सकता है यह कानून में अधिकतम खुदरा मूल्य अधिनियम, 2014

17. परिसीमा अधिनियम – यदि आपका ऑफिस आपको कोई सैलरी नही दे रहा तो आप 3 वर्ष के भीतर उसके खिलाफ कभी भी रिपोर्ट लिखा सकते है लेकिन 3 वर्ष के बाद रिपोर्ट दर्ज कराते है तो कुछ भी हासिल नहीं होगा यह कानून में परिसीमा अधिनियम, 1963

18. भारतीय दंड संहिता – यदि आप सार्वजनिक जगहों पर अश्लील गतिविधि करते हुए पाए जाते है तो आपको 3 महीने तक की कैद हो सकती है लेकिन अश्लील गतिविधि की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं होने के कारण पुलिस इस कानून का दुरुपयोग करती हैं यह कानून में भारतीय दंड संहिता की धारा 294

19. हिंदू गोद लेना और रखरखाव अधिनियम – यदि आप एक हिंदू है और आपके पास पुत्र है पोता है परपोता हैं तो आप किसी दूसरे लड़के को गोद नही ले सकते हैं साथ ही गोद लेने वाले व्यक्ति और बच्चे के बीच 21 वर्ष का अंतर होना चाहिए यह कानून में हिंदू गोद लेना और रखरखाव अधिनियम, 1956

20. दिल्ली किराया नियंत्रण अधिनियम – यदि दिल्ली में रह रहे है तो आपका मकान मालिक बिना नोटिस दिए जबरन मकान खाली नहीं करा सकता है यह कानून में दिल्ली किराया नियंत्रण अधिनियम 1958, धारा 14

यह रहे 20 कानूनी अधिकार जो आपको बेहद जानना जरूरी है  आप बताए पढ़कर आपको कैसा लगा

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