हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के आधार पर तलाक के आधार क्या है जानिए – nidhilawblog 

तलाक के आधार क्या है इस पोस्ट के माध्यम से में आपको बताने वाला हूं एक हिंदू पति पत्नी किन किन आधारों पर तलाक ले सकते है हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13 में उन सभी आधारों के बारे में बताया गया है जिन पर एक पत्नी पत्नी तलाक ले सकते है हिंदू वर्ग की परिभाषा में वो सभी व्यक्ति आते है जो मुस्लिम ,ईसाई और पारसी नही है इस तरह से जो सिख, जैन , हिंदू है उन सभी पर हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 लागू होगा। यदि आप नागरिको के 20 अधिकार इस पोस्ट को नहीं पढ़े तो अभी पढ़े

तलाक के आधार क्या है

तलाक के आधार क्या है

हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13 (B) के अंतर्गत पति – पत्नी आपसी सहमति से तलाक के लिए याचिका दायर कर सकते है धारा 13 (B) में कहा गया है दोनो पार्टी संयुक्त रूप से कोर्ट में शादी खत्म करने के लिए याचिका दे सकते है यदि वह 1 साल या उससे अधिक अवधि के लिए रह रहे है और वह अब साथ रहने के लिए सक्षम नहीं है और दोनो सहमत है इस शादी को खत्म करने के लिए

इसके अलावा तलाक के आधार क्या है में उनको एक – एक करके बताने वाला हूं

जारता

1. जारता – जारता के आधार पर भी पति –पत्नी तलाक के सकते है, जारता कहा जाता है कि पति या पत्नी का विवाहिक संबंधों के बाहर किसी अन्य व्यक्ति से को शारीरिक संबंध बनाना ये जारता की कैटेगरी में आता है और इस आधार पर भी तलाक लिया जा सकता है।

क्रूरता

2. क्रूरता – क्रूरता के आधार पर भी एक पति – पत्नी तलाक ले सकते है क्रूरता की कोई खास परिभाषा नहीं दी गई है क्रूरता में वह सभी चीजे शामिल हैं जिससे दूसरी पार्टी पहली के साथ रहने में असहजता महसूस कर रही है जैसे

  • पत्नी का पति को भोजन देने से इंकार करना यह भी क्रूरता की श्रेणी में आता है और इस आधार पर तलाक लिया जा सकता है इसी तरह से
  • पति का पत्नी को दहेज के लिए गालियां देना यह क्रूरता की श्रेणी में आता है
  • पत्नी का मायके चले जाना और पति के बुलाने पर भी न आना ये भी क्रूरता की श्रेणी मे आता है इन आधारों पर भी तलाक लिया जा सकता है।

परित्याग

3. परित्याग– पति या पत्नी में से कोई अगर 2 या 2 साल से अधिक अवधि के लिए अलग रहे और इन दो सालों मे अपने साथी से कोई व्यवहारिक सम्बंध स्थापित नही हुआ है तो इसको परित्याग कहा जाता है और इस आधार पर भी तलाक लिया जा सकता है।

धर्म परिवर्तन

4. धर्म परिवर्तन पत्नी या पत्नी में से किसी ने अगर धर्म परिवर्तन कर लिया है तो दूसरा साथी तलाक के लिए याचिका दायर कर सकता है और तलाक ले सकता है जैसे कि पति हिंदू है और उसने कोई ईसाई धर्म अपना लिया है तो पत्नी इस आधार पर तलाक के लिए याचिक दायर कर सकती है।

पागलपन

5. पागलपन – पति या पत्नी में से कोई पागल हो जाए या उसके दिमाग का संतुलन बिगड़ जाए और इस तरह से बिगड़ जाए की दोनो का साथ रहने की उम्मीद नहीं की जा सकती है तो इस आधार पर भी तलाक लिया जा सकता है।

कुष्ठ रोग

6. कुष्ठ रोग – कुष्ठ एक असाध्य रोग है और इस रोग के मामले मे दूसरा साथी तलाक के लिए याचिका दायर कर सकता है और कोर्ट तलाक दे देगा।

यौन रोग

7. यौन रोग – वह सभी यौन रोग जैसे की एड्स, नपुंसकता इन सभी यौन रोग में दूसरा साथी तलाक के लिए याचिका दायर कर सकता है और इस आधार और तलाक ले सकता है।

वैराग्य

8. वैराग्य – मतलब सन्यासी हो जाना पति या पत्नी में से कोई एक सन्यासी बन जाता है और बच्चो को छोड़कर पहाड़ों में या कही चले जाते है सन्यासी बन जाता है तो दूसरा साथ तलाक के लिए याचिका दायर कर सकता है।

पति या पत्नी का गायब हो जाना

9. पति या पत्नी का गायब हो जाना – पति या पत्नी का सात साल की अवधि तक गायब रहे और उनका जिंदा रहना न देखा गया हो न सुना गया हो तो उस व्यक्ति को मृत मान लिया जायेगा और इस आधार पर तलाक के लिए याचिका दायर किया जा सकता है और तलाक लिया जा सकता है।

यह वो आधार जिसमे पति या पत्नी तलाक के लिए याचिका दायर कर सकते है और तलाक ले सकते है

वे आधार जिसमे याचिका सिर्फ पत्नी दायर कर सकती

लेकिन अब में आपको कुछ ऐसे आधार बताने वाला हूं जिसमे तलाक की याचिका सिर्फ पत्नी दायर कर सकती है पति दायर नही कर सकता है

1. अगर पति बलात्कार में लिप्त हो – अगर किसी पत्नी का पति बलात्कार करता है किसी से तो इस आधार पर पत्नी तलाक के लिए याचिका दायर कर सकती है और तलाक ले सकती है।

2. यदि पति ने पहली पत्नी के होते हुए दूसरी शादी की – अगर शादी हिंदू विवाह अधिनियम के अंर्तगत हुई है और पति ने पहले पत्नी के जीवित होने के बावजूद दूसरी औरत से शादी की है तो पहली पत्नी तलाक के लिए मांग कर सकती है।

3. यदि विवाह 15 वर्ष के पहले ही कर दिया गया हो – एक महिला तलाक के लिए याचिका दायर कर सकती है अगर उसकी शादी 15 वर्ष के पूर्व कर दिया गया हो और वह शादी का त्याग कर सकती है जब तक की उसकी उम्र 18 साल नही हो जाती है।

4. यदि 1 वर्ष तक पति के साथ संभोग नहीं हुआ – यदि पत्नी के साथ पति ने शारीरिक संबंध 1 वर्ष तक नही बनाया और पति , पत्नी के रखरखाव के फैसले की अनदेखी करता है तो पत्नी तलाक के लिए याचिका दे सकती है ।

तो दोस्तो यह वह तलाक के आधार क्या है जिनके आधार पर पत्नी या पति तलाक के लिए याचिका दायर कर सकते है और तलाक ले सकते है यदि आपके मन में कोई प्रश्न या आपको कुछ समझ नहीं आया तो आप हमसे पूछ सकते है हम आपकी पूरी मदद करेंगे जैसे तलाक के आधार क्या है यह बताने मे किया।

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