Procedure For Court Marriage | कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया क्या है? 

Procedure For Court Marriage आजकल कई लोग पारंपरिक शादियों के बजाय कोर्ट मैरिज का विकल्प चुनते हैं। यह प्रक्रिया आसान, कानूनी और कम खर्चीली है। यदि आप भी कोर्ट मैरिज करना चाहते हैं, तो हम आपको आज सभी महत्वपूर्ण जानकारियां देने वाले है

Table of Contents

Procedure For Court Marriage?

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1. कोर्ट मैरिज: क्या है और क्यों चुनें?

कोर्ट मैरिज एक वैधानिक प्रक्रिया है, जहां शादी कानून के तहत रजिस्टर्ड होती है। इसे आमतौर पर उन लोगों द्वारा चुना जाता है जो समाज, धर्म, या परिवार के हस्तक्षेप के बिना शादी करना चाहते हैं। यह प्रक्रिया सभी धर्मों और जातियों के लिए खुली है।

2. कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया: Step-by-Step गाइड

कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया निम्नलिखित 5 स्टेप्स में पूरी होती है:

  • 1. नोटिस देना: दंपति को अपनी शादी की सूचना संबंधित रजिस्ट्रार ऑफिस में देनी होती है।
  • 2. 30 दिनों की प्रतीक्षा: नोटिस के बाद 30 दिन का वेटिंग पीरियड होता है, ताकि किसी को आपत्ति हो तो वह दर्ज कर सके जैसे यदि कोई रोक लगाना चाहता है तो 30 दिनों के अंतर्गत रोक सकता है
  • 3. दस्तावेज सत्यापन: सभी जरूरी दस्तावेजों की जांच की जाती है।
  • 4. शादी का दिन: तय तारीख को दंपति, गवाहों के साथ उपस्थित होकर रजिस्ट्रार के सामने शादी करते हैं।
  • 5. सर्टिफिकेट प्राप्त करना: शादी के बाद रजिस्ट्रार विवाह प्रमाणपत्र जारी करता है।

3. कोर्ट मैरिज के लिए जरूरी दस्तावेज

  • 1. आधार कार्ड या पहचान पत्र
  • 2. जन्म प्रमाण पत्र या मैट्रिक सर्टिफिकेट (उम्र प्रमाण के लिए)
  • 3. दोनों पक्षों की पासपोर्ट साइज फोटो  
  • 4. पते का प्रमाण (राशन कार्ड, वोटर आईडी आदि)
  • 5. गवाहों का पहचान प्रमाण 
  • 6. यदि पहले शादी हो चुकी हो, तो तलाक प्रमाणपत्र या मृत्यु प्रमाणपत्र 

4. कौन कर सकता है कोर्ट मैरिज? पात्रता और शर्तें

  • 1. दूल्हे की उम्र कम से कम 21 वर्ष और दुल्हन की 18 वर्ष होनी चाहिए।
  • 2. दोनों पक्ष अविवाहित हों या पूर्व शादी से कानूनी रूप से मुक्त हों।
  • 3. शादी करने वाले दोनों व्यक्तियों की सहमति होनी चाहिए।
  • 4. दोनों अलग-अलग धर्मों से हों तो भी शादी संभव है।

5. कोर्ट मैरिज के लिए आवेदन कैसे करें?

  • 1. संबंधित जिले के रजिस्ट्रार ऑफिस से फॉर्म प्राप्त करें।
  • 2. फॉर्म को सही जानकारी के साथ भरें और जरूरी दस्तावेज लगाएं।
  • 3. फॉर्म सबमिट करें और रजिस्ट्रेशन फीस जमा करें।
  • 4. शादी की तारीख तय करें।

6. स्पेशल मैरिज एक्ट, 1954: कोर्ट मैरिज का कानूनी आधार

कोर्ट मैरिज भारत में स्पेशल मैरिज एक्ट, 1954 के तहत होती है। यह कानून विभिन्न धर्मों के लोगों को एक साथ शादी करने की अनुमति देता है।

7. कोर्ट मैरिज में कितना समय लगता है?

पूरी प्रक्रिया में लगभग 30-45 दिन लगते हैं। यह नोटिस पीरियड और दस्तावेज सत्यापन के आधार पर निर्भर करता है।

8. कोर्ट मैरिज की फीस और अन्य खर्च

  • 1. आवेदन शुल्क: ₹500 से ₹1,000 तक (राज्य के अनुसार भिन्न हो सकता है)।
  • 2. दस्तावेज प्रमाणित कराने की फीस।
  • 3. वकील की फीस (यदि आवश्यक हो)।

9. क्या कोर्ट मैरिज को रद्द किया जा सकता है?

हां, कोर्ट मैरिज को कानूनी प्रक्रिया के तहत रद्द किया जा सकता है। इसके लिए आपको तलाक की प्रक्रिया से गुजरना होगा।

10. कोर्ट मैरिज के फायदे और नुकसान

फायदे:

  • – कम खर्चीला और समय बचाने वाला।
  • – सभी धर्मों के लिए खुला।
  • – कानूनी सुरक्षा।

नुकसान:

  • – समाज या परिवार से असहमति हो सकती है।
  • – 30 दिनों का नोटिस सार्वजनिक किया जाता है।

11. कोर्ट मैरिज के लिए वकील की भूमिका

हालांकि वकील की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन जटिल मामलों में उनकी मदद उपयोगी हो सकती है। वे दस्तावेज तैयार करने और कानूनी सलाह देने में सहायता करते हैं।

12. कोर्ट मैरिज से जुड़े सामान्य सवाल और उनके जवाब

प्रश्न: क्या दोनों पक्षों का एक ही राज्य का होना जरूरी है?  

उत्तर: नहीं, आप अलग-अलग राज्यों से भी आवेदन कर सकते हैं।

प्रश्न: क्या कोर्ट मैरिज के लिए धर्म बदलना पड़ेगा?  

उत्तर: नहीं, स्पेशल मैरिज एक्ट में धर्म बदलने की जरूरत नहीं है।

13. कोर्ट मैरिज के बाद का अगला कदम

शादी के बाद, दंपति को अपने शादी प्रमाणपत्र की एक कॉपी सुरक्षित रखनी चाहिए। यह दस्तावेज पासपोर्ट, वीज़ा, और बैंक खातों में नामांकन के लिए आवश्यक हो सकता है।

कोर्ट मैरिज एक सरल और पारदर्शी प्रक्रिया है जो हर भारतीय नागरिक को अपनी पसंद से शादी करने का अधिकार देती है। यदि आप भी कोर्ट मैरिज करने की योजना बना रहे हैं, तो ऊपर दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें और इसे आसान बनाएं।

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