हेलो एंड वेलकम दोस्तो आज की इस पोस्ट पर हम बात करने वाला हूं Special marriage act, 1954 के बारे मे Special marriage act के अंतर्गत कौन विवाह कर सकता है और इसकेे अंतर्गत विवाह की क्या क्या शर्ते है
Special marriage act, 1954 के बारे में जानिए

भारत में कितनी तरह के विवाह होते है इसके बारे में आज इस पोस्ट पर बात करेंगे तो चलिए शुरू करते है
How Many Types Of Marriages In India
चलिए हम सबसे पहले बात करते marriage कितनी तरह की होती है हिन्दू मैरिज एक्ट और मुस्लिम पर्सनल लॉ के अलावा Special marriage act के तहत भी शादी की जा सकती है हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत जहां दो बालिक हिन्दू शादी कर सकते है तो वही मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत इस्लाम धर्म को मानने वाले निकाह करते है
Special marriage act के तहत किसी भी धर्म के लोग शादी के बंधन में बंध सकते है और इसके लिए उन्हें अपना मज़हब बदलने की कोई जरूरत नही है दोनो का अपना अपना धर्म शादी के बाद भी कायम रहता है
क्या हिंदू लड़का मुसलमान लड़की से विवाह कर सकता है?

एक हिंदू और मुसलमान Special marriage act, 1954 के तहत शादी कर सकते और दोनो को अपना धर्म बदलने की बिलकुल भी जरूरत नही है इसका सबसे अच्छा उदाहरण है सैफली खान और करीना कपूर की शादी, इन दोनो ने जो शादी की है वह Special marriage act, 1954 के तहत की है इसकी वजह से न तो सैफली खान ने अपना धर्म बदला है और न ही करीना कपूर ने अपना धर्म बदला है
तो Special marriage act के तहत कोई भी दो धर्मो के लोग बिना अपना धर्म बदले शादी कर सकते है जैसे एक ईसाई एक मुस्लिम शादी कर सकते है अगर कोई मुस्लिम है और लड़का हिंदू है तब भी वह शादी अगर लड़का मुसलमान है लड़की सिक्ख है तब भी वो Special marriage act, 1954 तहत बिना अपना धर्म बदले आसानी से शादी कर सकते है
शादी चाहे किसी भी तरीके से हो शादी के बाद पत्नी को सारे कानूनी अधिकार मिल जाते है ऐसा नहीं हैं कि अगर कोई हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत शादी करता है तो ज्यादा अधिकार मिलते है और कोई Special marriage act के तहत शादी करता है तो उसे कम अधिकार मिलते है ऐसा बिल्कुल नहीं है शादी चाहे किसी भी तरीके से हो पत्नी को सारे अधिकार मिलते हैं
Special marriage act के तहत शादी किस तरह से होती है?

अगर लड़का और लड़की पहले से शादी शुदा नही है दोनो बालिक है और उनकी मेंटल कंडीशन शादी की सहमति देने के लायक है तो वह Special marriage act, 1954 के तहत शादी कर सकते है
शर्त: अगर दोनो हिंदू है तो वह प्रतिबंधित नजदीकी रिलेशन यानि की भाई – बहन, बुआ, मौसी नही होनी चाहिए और seperated relation यानि की पिता की पांचवी पीढ़ी और मां की तरफ से तीन पीढ़ियों में से नही होनी चाहिए
इस एक्ट के तहत विदेशी भी भारतीय के साथ शादी कर सकते है शादी की इच्छा रखने वाले जोड़े को इलाके के एसडीएम ऑफिस में शादी की अर्जी दाखिल करनी पड़ती है इस अर्जी के साथ उम्र का एक डॉक्यूमेंट होता है age proof देना होता है और हलफनामा भी देना होता है कि वह बालिक है
और बिना किसी दबाव के वो शादी कर रहे है दोनो का फिजिकल वेरिफिकेशन करके उन्हे एक महीने के बाद आने के लिए कहा जाता है और इस दौरान नोटिस बोर्ड में उनके बारे में सूचना चिपका दी जाती है कि ये दोनो शादी करने वाले है
अगर किसी को आपत्ति है तो वो आकर बताए नोटिस पीरियड के बाद दोनो को एसडीएम ऑफिस के सामने पेश होना होता है गवाहों के सामने मैरिज रजिस्टरार उनसे शपथ दिलवाते है फिर शादी का सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है चलिए अब हम बात करते है Special marriage act, 1954 से जुड़ी कुछ इंपॉर्टेंट चीजों के बारे में
1. लड़का और लड़की की उम्र 21 और 18 साल से कम नहीं होनी चाहिए मतलब यह है कि लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र 18 साल से कम नहीं होनी चाहिए
2. लड़का और लड़की की मेंटल कंडीशन ठीक होनी चाहिए
3. समान या अलग धर्मो के प्रेमी इस एक्ट के तहत शादी कर सकते है इसमें दोनों को अपना धर्म बदलने की या छोड़ने की कोई जरूरत नहीं होती है
4. यह शादी कोर्ट में एसडीएम या एडीएम के द्वारा कराई जाती है
5. स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी कराने में कोई पंडित, कोई मौलवी, कोई ग्रंथि या कोई पादरी शामिल नहीं होता
6. इसके तहत विवाह करने के लिए तीन गवाहो का होना जरूरी होता है
चलिए अब हम बात करते है Special marriage act, 1954 से जुड़े कुछ प्रश्न के बारे मे

1. लड़का और लड़की एक ही धर्म के हो तो क्या स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत विवाह कर सकते है?
स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत कोई भी शादी कर सकता है यह शादी रजिस्टर्ड होती है और इस शादी के लिए किसी भी फेरे वगैरा की जरूरत नही होती है बस अगर दोनो हिन्दू है तो prohibited और seperate relation में नही होने चाहिए यह शर्त यहां पर लागू होती है।
2. अगर हिन्दू रीति रिवाजों से विवाह करना चाहे और उसको रजिस्टर भी कराना हो तो क्या करे?
दो बालिक विवाह योग्य लोग शादी कर सकते है इनमे से कोई पहले शादी शुदा नही होना चाहिए अगर पहली पत्नी या पति मर चुका है या तलाक शुदा है तो भी शादी कर सकते है शादी हिंदू रीति रिवाज से घर मे या फिर मंदिर में की जा सकती है
मंदिर में की हुई शादी के बाद पुजारी एक certificate जारी करता है शादी के बाद रजिस्टररार ऑफ मैरिज के सामने दोनो को आवेदन करना होता है और शादी से जुड़े हुए फोटोग्राफ, शादी के सर्टिफिकेट और अगर शादी घर में हुई है तो कार्ड के साथ रजिस्टररार के दफ्तर में शादी रजिस्टर करने के लिए आवेदन किया जाता है
उस वक्त अगर लड़की चाहे तो अपना surname बदल सकती है मैरिज रजिस्टररार शादी रजिस्टर करके हाथों ही हाथ सर्टिफिकेट जारी कर देता है
3. मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत कौन विवाह कर सकता है, क्या हिंदू व्यक्ति मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत विवाह कर सकता है?
देखिए मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत दो मुस्लिम ही निकाह कर सकते है अगर उनमें से कोई एक मुस्लिम नही है तो पहले उसे अपना धर्म बदलकर इस्लाम अपनाना पड़ेगा इसके लिए अलग हलफनामा देकर बताना पड़ता है कि वह इस्लाम कुबूल कर रहा है
यह हलफनामा काज़ी के सामने पेश किया जाता है और निकाह से पहले लड़के और लड़की को एक हलफनामा देना होता है कि दोनो मुस्लिम और बालिक है फिर पर्सनल लॉ के तहत विवाह होता है निकाह के बाद काजी एक निकाहनामा देता हैउसे भी रजिस्टर कराया जा सकता है।
4. पत्नी को पति की सम्पत्ति में अधिकार किस कानून के तहत मिलेगा?
देखिए अगर कोई हिन्दू मैरिज एक्ट 1955 के तहत शादी करता है तो पत्नी को अपने पति की सम्पत्ति में hindu succession act के तहत अधिकार मिलेगा और अगर किसी ने मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत शादी की हो तो
उसे मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत अधिकार मिलेगा लेकिन किसी ने Special marriage act, 1954 के तहत शादी की हों तो पत्नी को indian succession act के तहत सम्पत्ति में अधिकार मिलेगा
तो दोस्तो आज की इस पोस्ट पर आपने जाना कि special marriage act क्या होता है special marriage act के तहत कौन कौन लोग शादी कर सकते है और special marriage act के तहत शादी करने के लिए क्या क्या शर्ते है
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बहुत बहुत धन्यवाद ।