साइबर क्राइम पर कानून और सजा का क्या प्रावधान है जानिए – Law On Cybercrime

साइबर क्राइम पर कानून कम्प्यूटर, इंटरनेट डिजिटल डिवाइसेस वर्ल्ड वाइड वेब के जरिए किए जाने वाले अपराधो के लिए छोटे मोटे जुर्माने से लेकर उम्र कैद तक की सजा दी जा सकती है दुनियाभर में सुरक्षा और जांच एजेंसियां साइबर अपराधो को बहुत ही गंभीर से ले रही है ऐसे मामलो में सूचना तकनीक कानून 2000 और सूचना तकनीक संशोधन कानून 2008 तो लागू होते ही है पिछली पोस्ट आईपीसी धारा 498a

साइबर क्राइम पर कानून

साइबर क्राइम पर कानून
साइबर क्राइम पर कानून

इस तरह के मामलों में दूसरे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी कॉपीराइट कानून 1957 कंपनी लॉ सरकारी गोपनीयता कानून और यहां तक की बिरले मामलो में आतंकवाद कानून निरोधक कानून भी लागू किए जा सकते है कुछ मामलो मे भारत सरकार के आईटी डिपार्टमेंट की तरफ से अलग से जारी किए गए आईटी नियम 2011 भी लागू होते है

कानून मे निर्दोष लोगो के लिए साजिशन की गई शिकायतो से सुरक्षित रखने के लिए मुनासिब भी अवस्था होती है लेकिन कंप्यूटर ,दूरसंचार और इंटरनेट यूजर को हमेशा सतर्क रहना चाहिए कि उसे जाने अंजाने में कोई साइबर क्राइम तो नही हो रहा है तकनीकी जरिए का सुरक्षित इस्तेमाल करने के लिए हमेशा याद रखे कि इलाज से परहेज बेहतर है

हेलो दोस्तो मै आज इस पोस्ट पर बताने वाला हूं साइबर क्राइम पर कानून के बारे मे की साइबर क्राइम में कौन कौन सी चीजे आती है साइबर क्राइम पर कौन कौन सी धाराएं लगती है और साइबर क्राइम पर कानून की सजा क्या है? तो चलिए शुरू करते है साइबर क्राइम में सबसे पहले आता है

हैकिंग

इसका मतलब होता है किसी भी कंप्यूटर डिवाइस , informational सिस्टम या नेटवर्क में unauthorised रूप से घुसपैठ करना और डेटा से छेड़छाड़ करना यह हैकिंग उस सिस्टम की फिजिकल एक्सेस के जरिए भी हो सकती है और रिमोट एक्सेस के जरिए भी हो सकती है जरूरी नहीं है इस तरह के हैकिंग के नतीजे में उस सिस्टम को हानि आई हो अगर हानि न भी हुआ हो तो भी घुसपैठ करना ही साइबर क्राइम पर कानून के अंदर आता है और इसके लिए सजा का प्रावधान है

साइबर क्राइम पर कानून
साइबर क्राइम पर कानून

हैकिंग पर कानून

हैकिंग पर कानून की बात करे तो आईटी संशोधन एक्ट 2008 की धारा 43A है, धारा 66 है, आईपीसी की धारा 379 और आईपीसी धारा 406 है के तहत कार्यवाही मुमकिन होती है

हैकिंग की सजा

हैकिंग का अपराध साबित होने पर 3 साल तक की जेल या 5 लाख रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है

2. डेटा की चोरी

किसी और व्यक्ति संगठन वैगौरा की किसी भी तकनीकी सिस्टम से निजी या गोपनीय डेटा या सूचनाओं की चोरी अगर किसी संगठन के अंदरूनी डेटा तक आपकी आधिकारिक पहुंच है आप authorised है उसको use करने के लिए लेकिन अपनी जायज पहुंच का इस्तेमाल आप उस संगठन की इजाजत के बिना उसके नजायज दुरुपयोग की मंशा से करते है तो वो भी इसके दायरे में आएगा कॉल सेंटर हो दूसरो की जानकारी रखने वाले संगठन आदि में भी लोगो के निजी डेटा के चोरी के मामले सामने नजर आते रहते है

साइबर क्राइम पर कानून
साइबर क्राइम पर कानून

डेटा की चोरी पर कानून

इस पर कानून की बात करे तो आईटी संशोधन एक्ट 2008 की धारा 43(B) है, आईपीसी धारा 66(E), आईपीसी धारा 77(C) , आईपीसी की धारा 379, आईपीसी धारा 405, और आईपीसी धारा 420 और कॉपीराइट एक्ट इस पर लागू होता है

डेटा की चोरी पर सजा

अपराध की गंभीरता के हिसाब से 3 साल तक की जेल या 2 लाख रुपए तक का जुर्माना आपको देना पड़ सकता है।

3. वायरस – स्पाईवेयर फैलाना

कम्प्यूटर में आए वायरस या स्पाईवेयर के सफाए में लोग ध्यान नहीं देते और उनके कम्प्यूटर से होते हुए यह वायरस दूसरो तक पहुंच जाते है हैकिंग, डाउनलोड, कंपनियों के अंदरूनी नेटवर्क, वाईफाई कनेक्शन हो और असुरक्षित फ्लैश ड्राइव सीडी के जरिए भी वायरस फैलते है

वायरस बनाने वाले अपराधियों की पूरी इंडस्ट्रीज है उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही होती है वैसे आपलोग भी कानून के दायरे मे आ सकते है अगर उनकी लापरवाही से किसी के सिस्टम में खतरनाक वायरस पहुंच जाए और कोई बड़ा नुकसान कर दे

साइबर क्राइम पर कानून
साइबर क्राइम पर कानून

वायरस – स्पाईवेयर पर कानून

आईटी संशोधन एक्ट 2008 की धारा 43(C), धारा 66, आईपीसी की धारा 268 देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने के लिए फैलाए गए वायरसों पर साइबर आतंकवाद से जुड़ी धारा 66(F) भी लागू होती है जो कि गैर जमानती धारा है

वायरस – स्पाईवेयर फैलाने पर सजा

साइबर वॉर और साइबर आतंकवाद से जुड़े मामलों पर उम्र कैद और दूसरे मामलो में 3 साल तक की सजा या जुर्माना देना पड़ सकता है।

4. पहचान की चोरी

किसी दूसरे शख्स की पहचान से जुड़े डेटा, गुप्त सूचना का इस्तेमाल करना मिसाल के तौर पर कुछ लोग दूसरों के क्रेडिट कार्ड नंबर, पासपोर्ट नंबर, आधार नंबर, डिजिटल आईडी कार्ड्स, ईकॉमर्स ट्रांजिक्शन पासवर्ड, इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर का इस्तेमाल करते हुए शॉपिंग, धन की निकासी वैगरा कर लेते है जब आप कोई और शख्स होने का आभास देते हुए कोई अपराध करते है या फायदा उठाते है तो वो आइडेंटिटी थेफ्ट पहचान की चोरी के दायरे मे आता है।

साइबर क्राइम पर कानून
साइबर क्राइम पर कानून

पहचान की चोरी पर कानून

आईटी संशोधन एक्ट 2008 की धारा 43, 66(C, आईपीसी धारा 419 का इस्तेमाल मुमकिन है।

पहचान की चोरी पर सजा

3 साल तक की जेल या 1 लाख रुपए तक का जुर्माना आपको देना पड़ सकता है

5. ईमेल स्पूफिंग और फ्रॉड

इसमें किसी दुसरे व्यक्ति के ईमेल पते का उपयोग किसी गलत मकसद से किसी शख्स को ईमेल करना ईमेल स्पूफिंग और फ्रॉड के अंदर आता है उदाहरण के लिए समझे फिशिंग करना, स्पैम करना और वायरस स्पाईवेयर फैलाने के लिए या इसके उद्देश्य से

इस तरह का फ्रॉड का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है इनका मकसद ईमेल पाने वाले को धोखा देकर उसकी गोपनीय जानकारी हासिल कर लेना होता है ऐसी जानकारियों में बैंक खाता नंबर, क्रेडिट कार्ड नंबर, ई कॉमर्स साइट का पासवर्ड वगैरा आते है।

साइबर क्राइम पर कानून
साइबर क्राइम पर कानून

ईमेल स्पूफिंग और फ्रॉड पर कानून

इसमें कानून की बात करे तो आईटी कानून 2000 की धारा 77(B) है, इसके अलावा आईटी संशोधन कानून एक्ट 2008 की धारा 66(D) हैं धाराएं 417,419,420 और 465 शामिल है।

ईमेल स्पूफिंग और फ्रॉड पर सजा

इसमें अपराधी को 3 साल तक की जेल या जुर्माना दिया जाता है।

6. पोर्नोग्राफी

पोर्नोग्राफी के दायरे में ऐसे फोटोज, विडियोज, text ऑडियो और सामग्री आती है जिसकी प्रकृति यौन हो और जो यौन कृत्यों और नग्न पर आधारित हो ऐसी सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक ढंग से प्रकाशित करने, किसी को भेजने या किसी और के जरिए प्रकाशित करवाने या भिजवाने पर पोर्नोग्राफी निरोधक कानून लागू होता है

जो लोग दूसरे के नंगेपन या अश्लील वीडियो तैयार कर लेते है या एमएमएस बना लेते है और इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दूसरो तक पहुंचाते है जैसे कि यूट्यूब पर अपलोड कर दिया, फेसबुक पर अपलोड कर दिया, व्हाट्सएप पर डाल दिया किसी को उसकी मर्जी के खिलाफ अश्लील संदेश भेजते है तो वो भी इसके दायरे मे आते है इसके कुछ अपवाद है

साइबर क्राइम पर कानून
साइबर क्राइम पर कानून

जिसके बारे में आपको जानना जरूरी है पॉर्नोग्राफी को प्रकाशित करना, इलेक्ट्रॉनिक जरिए से दूसरो तक पहुंचाना अवैध है देखना उसके बारे में पढ़ना और सुनना भी अवैध नही है

लेकिन आपको बता दे की चाइल्ड पॉर्नोग्राफी देखना भी अवैध है जिसके लिए दंड का प्रावधान है पर यदि शिक्षा के लिए विज्ञान के लिए धर्म और कला, साहित्य से जुड़े मकसद से जनहित के लिए बनाई गई सामग्री अवैध नही है।

पोर्नोग्राफी पर कानून

आईटी संशोधन कानून 2008 की धारा 66(A), आईपीसी की धारा 292,293,294,500,506 और 509

पोर्नोग्राफी की सजा

जुर्म की गंभीरता के लिहाज से पहली गलती पर 5 साल तक की जेल या 10 लाख रुपए तक का जुर्माना और दूसरी बार गलती करने पर जेल की सजा 7 साल तक की हो सकती है।

7. चाइल्ड पोर्नोग्राफी

चाइल्ड पोर्नोग्राफी भी साइबर क्राइम के अंतर्गत आता है ऐसे मामलो में कानून और भी ज्यादा कड़ा है बच्चो को सेक्सुअल एक्ट में या नंगेपन दिखाते हुए इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में कोई चीज प्रकाशित करना या दूसरो को भेजना इससे भी आगे बढ़कर कानून कहता है जो लोग बच्चो से जुड़ी सामग्री तैयार करते है

इकट्ठे करते है धूंढते है देखते है डाउनलोड करते है विज्ञापन करते है प्रमोट करते है दूसरो के साथ लेने देन करते है या बांटते है तो वो भी गैर कानूनी है बच्चो को बहला फुसला कर ऑनलाइन संबंधों के लिए तैयार करना फिर उनके साथ यौन संबंध बनाना या बच्चो से जुड़ी यौन गतिविधि को रिकॉर्ड करना, एमएमएस बनाना , दूसरो को भेजना आदि भी इसके तहत आता है

साइबर क्राइम पर कानून
साइबर क्राइम पर कानून

यहां बच्चो से मतलब एक 3 साल से कम उम्र के लोग है अगर कोई 17 ईयर का है तो वह भी बच्चा ही माना जायेगा

चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर कानून

आईटी संशोधन एक्ट 2009 की धारा 66(B) आईपीसी की धारा 292,293,294,500,506 और 509

चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर सजा

पहले अपराध पर 5 साल की जेल या 10 लाख रुपए तक का जुर्माना और दूसरे अपराध पर 7 साल की जेल और 10 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।

8. तंग करना

तंग करना यह भी साइबर क्राइम के अंतर्गत आता है सोशल नेटवर्किंग साइटों जैसे WhatsApp, facebook, linkedin, Twitter, e-mail, check वगैरा के जरिए बच्चो या

महिलाओं को तंग करने के मामले अक्सर देखे व सुने जाते है और हमारे आपके सामने आते रहते है अर्थात डिजिटल माध्यम से किसी को भी अश्लील वाले या धमकाने वाले संदेश भेजने या किसी रूप में परेशान करने

साइबर क्राइम पर कानून
साइबर क्राइम पर कानून

यह एक तरह का साइबर क्राइम ही माना एवं जाना जाता है यदि किसी के खिलाफ दुर्भावना रखते हुए अफवाहें फैलाया या ऐसी कोशिश की या किसी को बदनाम करना चाहा तो यह तंग करना साइबर क्राइम है और उसे दंड दिया जायेगा

तंग करना पर कानून

आईटी संशोधन एक्ट 2009 की धारा 66(A)

तंग करने की सजा

3 साल तक की जेल या जुर्माना

तो दोस्तो आज के इस साइबर क्राइम पर कानून पोस्ट में मैंने साइबर क्राइम के बारे मे काफी कुछ बता दिया है साइबर क्राइम पर कानून के अंतर्गत क्या क्या आता है क्या एक्ट लागू होते है और कितनी सजा हो सकती है तो यदि आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो अपने दोस्तो से शेयर करे और कोई सवाल इससे जुड़ा पूछना हो तो कुछ सकते है।

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