Acquitted In A False Case झूठे स से बरी होने के संबंध में एक मित्र ने प्रश्न पूछा है कि मेरे भाई और उसकी पत्नी के बीच relation अच्छे नही होने की वजह से मेरे भाई ने उसको तलाक का नोटिस दिया और वर्ष 2005 में कोर्ट में वाद दायर कर दिया उसके बाद मेरे भाई की पत्नी ने हमारे पूरे परिवार के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और मारपीट का झूठा मुकदमा कोर्ट में दायर कर दिया
इसी दौरान उसने अपने पीहर पक्ष के लोगो के साथ मिलकर हमे कई बार पुलिस द्वारा टॉर्चर भी करवाया ताकि मेरा भाई तलाक की अर्जी वापस ले ले लेकिन मेरे भाई ने ऐसा नहीं किया और अब 2017 में दहेज के झूठे मामले में local कोर्ट का फैसला आ गया जिसमे पूरे परिवार को बरी कर दिया गया और न्यायालय ने उसे झूठा मुकदमा करार दिया
अब वो मेरे से पूछ रहे है कि क्या मैं अपने भाई की पत्नी और उसके पीहर पक्ष वालो के खिलाफ मानहानि का दावा कर सकता हूं क्योंकि आठ सालों तक हम पूरे परिवार वाले लगातार परेशान रहे, दावे की क्या प्रक्रिया होगी क्योंकि मेरे भाई की पत्नी ने सारा झूठा मुकदमा और पुलिस प्रताड़ना अपने पीहर वालो कि मदद और मिलीभगत से किया था
Acquitted In A False Case

देखिए जी जब यह satisfy हो गया कि वो मुकदमा झूठा था तो अब आप दो काम कर सकते है एक तो आप और वो सभी लोग जिनको मामले में एक्यूज बनाया गया था मानहानि के लिए कंपनसेशन का दावा कर सकते है जिसके लिए कोर्ट में आपको पांच चीजें साबित करनी पड़ेगी
1. आपको मिथ्या रूप से अभियोजित किया गया था,
2. उक्त अभियोजन का समापन होने पर आपको फ्री ऑफ चार्ज कर दिया गया है,
3. Prosecution बिना किसी उचित और उपयुक्त कारण के किया गया था,
4. Prosecution करने में दुर्भावना सम्मिलित थी
5. आप को इस prosecution से आर्थिक तथा सम्मान की हानि हुई है
आपको इस मुकदमे की एफआईआर, चार्जशीट और जजमेंट की सेटिफाइंग कॉपी की जरूरत पड़ेगी इनकी दो दो satisfying copies आप हासिल कर लीजिए जितनी राशि की कंपनसेशन का आप दावा करेंगे
उस पर आपको कोर्ट की फीस रूल्स के हिसाब से देनी पड़ेगी सारा का सारा प्रोसेस सिविल प्रोसेस होगा और वैसे ही चलेगा जैसे कि कंपनसेशन के लिए दिवानिवाद किया जाता है इसके साथ ही दस्तावेज के साथ आप false prosecution और defamation के लिए आईपीसी सेक्शन 211 और सेक्शन 500 में मुकदमा मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने भी पेश कर सकते है
इसमें सुनवाई और अपराधिक मुकदमे की तरह प्रोसेस पूरा होने पर कोर्ट अपना decision देगा इसमें false prosecution करने वाले यानि झूठा केस करने वाले को दो साल का कारावास और जुर्माने की सजा हो सकती है आपको इन दोनो कार्यवाही को करने के लिए किसी एडवोकेट की हेल्प लेनी पड़ेगी
तो दोस्तो इनका प्रश्न यह था कि इनको झूठे केस में फंसाया गया था अब ये उस केस से बरी हो गए है तो अब ये उस झूठे केस करने वाले पर क्या कर सकते है देखिए दोस्तो जब भी कोई जलन या नफरत की भावना में कोई झूठा केस करता है तो झूठे केस से बरी होने के बाद या तो आप कंपनसेशन ले सकते है या उसको सजा दिला सकते है
अगर आप कंपनसेशन लेना चाहते है पैसा लेना चाहते है malicious prosecution and defamation के लिए कंपनसेशन का दावा करना पड़ेगा और कोर्ट में पांच चीजें शामिल कि आपको गलत तरीके से फंसाया गया था और मुकदमा पूरा होने पर आपको बरी करा दिया गया
और जो मुकदमा आपके ऊपर किया गया था वह बिना उचित कारण के किया गया था और मुकदमा करने में दुर्भावना शामिल थी यानि नफरत की भावना से किया गया था इस मुकदमे से आपको धन की और सम्मान की हानि पहुंची यह पांच चीजें आप साबित करने में अगर सफल हो जाते है तो कोर्ट आपको उस झूठा केस करने वाले से कंपनसेशन दिलाएगा दूसरा यह की आप झूठा केस करने वाले को सजा दिला सकते है
तो दोस्तो आज आपने जाना अगर आपके खिलाफ कोई झूठा केस करता है और आप उस केस से बरी हो जाते है तो आप उस के खिलाफ क्या क्या कर सकते है