Case Against Check Bounce यह हमसे प्रश्न पूछा है उन्होंने लिखा है कि मैंने एक नेता को सरकारी काम कराने के लिए 10 हजार रुपया अग्रिम दिए वह नेता काम नही करवा सका और रुपए वापस देने में बहाने बनाने लगा कि मैंने अमुक अधिकारी को रुपए दे दिए है
जब वह वापस दे देगा तो मैं आप को लौटा दूंगा मैं ने अधिक दबाव दिया तो उसने बैंक का पोस्ट डेटेड चैक मुझे दे दिया मैं ने चेक भुगतान हेतु बैंक में दिया तो मुझे यह कहते हुए वापस किया की आपके खाते में राशि है इसलिए लौटाया जा रहा
क्या मै चेक बाउंस होने का मुकदमा अदालत में कर सकता हूं? यह किस अदालत में लगेगा? इसमें अनुमानित खर्चा कितना आयेगा?
Case Against Check Bounce

देखिए नेता जी को आपका पैसा लौटाना था और उन्होंने आपको चेक दिया और वह चेक बाउंस हो गया आप चेक बाउंस होना का मुकदमा नेता पर धारा 138 instruments act 1881 के तहत कर सकते है चेक बाउंस होने का मुकदमा करने के लिए यह जरूरी है कि चेक बाउंस होने की सूचना बैंक से आपको मिलने की तारीख 30 दिनों के भीतर ही आप उस व्यक्ति को जिसके खाते का चेक है
एक लिखित नोटिस रजिस्टर डाक से भेजेंगे जिसमे लिखा होगा कि आपने मेरा रुपया चुकाने के लिए जो चेक दिया था वह बैंक से बाउंस हो गया है अब आप मुझे 15 दिनों के अंदर – अंदर चेक का भुगतान कर दीजिए
Check Bounce का केस 1 साल बाद हो सकता है?
इस नोटिस के मिलने के 15 दिनों के अंदर अंदर चेक देने वाला व्यक्ति अगर आपके चेक का भुगतान कर देता है तो सही है अगर वो 15 दिन के अंदर अंदर चेक की राशि का भुगतान नहीं करता है तो उसके खिलाफ मुकदमा करने के लिए वाद का कारण पैदा हो जाएगा वाद का कारण पैदा होने के 30 दिनों के अंदर अंदर आप केश फाइल कर सकते है
इस तरह नोटिस मिलने की तारीख से 45 दिन के अंदर अंदर अदालत में उस व्यक्ति के खिलाफ केस फाइल कर सकते है यह एक फौजदारी मामला है जिसमे चेक देने वाले को कारावास और जुर्माने की सजा हो सकती है
जब Check Bounce हो जाए तो क्या किया जा सकता है?

अदालत चेक धनराशि की दुगनी राशि रखकर जुर्माना चेक देने वाले पर कर सकती है और आपको न केवल चेक की धनराशि बल्कि उसके बराबर की राशि का कंपनसेशन भी दिला सकती है जिससे आपका मुकदमे का खर्च वैगैरा सब निकल जाता है
यहां पर एक बात और ध्यान रखिए कि अगर चेक बाउंस होने की सूचना मिले 30 दिन से ज्यादा हो गए है और आपने नोटिस नहीं दिया है तो अगर चेक expire नही हुआ है तो आप उस चेक को फिर से बैंक में लगा दीजिए
चेक बाउंस होने का केस 30 दिन बाद कर सकते है?
अगर चेक देने वाले के खाते में धन हुआ चेक आपका भुन जायेगा लेकिन अगर इस बार भी उसके खाते में पैसे नही हुआ तो चेक फिर से बाउंस हो जाएगा तब उसके बाद आप चेक बाउंस होने के बाद उसको एक नोटिस भेजेंगे जिसमे आप यही लिखेंगे कि चेक बैंक में बाउंस हो गया है इसलिए आप चेक का भुगतान 15 दिन के अंदर अंदर कर दीजिए
अब अगर वो 15 दिनों के अंदर अंदर उसका भुगतान कर देता है तो सही अगर 15 दिनों के अंदर अंदर वो चेक का भुगतान नहीं करता है तो आप 45 दिनों के अंदर अंदर अदालत में केस फाइल कर सकते है
कई बार यह पता नही चलता है कि चेक देने वाले को नोटिस मिला है या नहीं मिला है
इसलिए यह मानकर चलना चाहिए कि नोटिस डाक से भेजे जाने के अगले दिन से 10 वे दिन तक जरूर मिल गया होगा और आप नोटिस को डाक में छोड़े जाने के दिन से 15 वे दिन से लेकर 45 वे दिन तक केस फाइल कर सकते है
आपका बैंक खाता जिस शाखा में है जहां चेक देने वाला निवास करता है या जहां आपको चेक किया गया है उन स्थानों में से किसी एक स्थान पर भी क्षेत्राधिकार रखने वाले मजिस्ट्रेट के न्यायालय में आप यह केस फाइल कर सकते है
Check Bounce केस के लिए वकील कितना चार्ज करता है?

बाउंस का नोटिस अगर आप खुद देंगे तो केवल नोटिस टाइप कराने का और डाक का खर्चा आपको देना पड़ेगा और अगर नोटिस किसी वकील से आप दिलवाएंगे तो वह 300 से 500 रूपये तक नोटिस भेजने का लेगा इस मुकदमे मे 200 से 500 रूपये का खर्चा आएगा और वकील की फीस चेक की राशि पर निर्भर करती है
आपके मामले में क्योंकि 10 हजार का चेक है तो वकील को 1100 रूपये से लेकर 2200 रूपये तक की फीस देनी पड़ सकती हैं लेकिन यह सब खर्चे आपको ज्यादा भारी नही लगेंगे क्योंकि अगर आप केस जीत जाते है तो कोर्ट आपको कंपनसेशन दिलवाएगा जिसमे आपके इन सारे खर्चों की पूर्ति हो जाएगी
तो बेसिकली दोस्तो इनका प्रश्न यही है की इनको एक चेक दिया गया जो बाउंस हो गया है अब यह जानना चाहते है कि चेक बाउंस हो जाने के बाद वह किस तरह से केस फाइल कर सकते है
देखिए जैसे ही आप बैंक में कोई चेक लगाते है और उसके बाद वह बाउंस हो जाता है तो चेक बाउंस होने की जिस दिन आपको सूचना मिलती है उसी दिन एक नोटिस जारी करेंगे चेक देने वाले को जिसमे आप लिखेंगे कि बैंक में आपका चेक बाउंस हो गया है
इसलिए अब आप मेरे चेक का भुगतान 15 दिन के अंदर अंदर कर दीजिए अब अगर 15 के अंदर अंदर चेक देने वाला चेक का भुगतान आपको कर देता है तो फिर कोई केस यहां पर नहीं बनता लेकिन वह चेक का भुगतान नहीं करता तो धारा 138 के अंतर्गत अदालत में केस फाइल करेंगे
कौन सी अदालत में केस फाइल करेंगे

जिस बैंक में आपका खाता है वहां पर क्षेत्राधिकार रखने वाले कोर्ट में केस फाइल करेंगे या जहां पर चेक देने वाला निवास करता है वहां पर क्षेत्राधिकार रखने वाले कोर्ट में भी केस फाइल कर सकते है या जिस जगह पर आपको यह चेक दिया गया है वहां पर क्षेत्राधिकार रखने वाले कोर्ट में भी केस कर सकते है रही बात खर्चे की
अगर आप चेक देने वाले को खुद नोटिस भेजते है तो उसमे सिर्फ आपको नोटिस टाइप कराने का और डाल का खर्चा देना होगा लेकिन अगर आप किसी एडोवोगेट या वकील की मदद से यह नोटिस भेजवाते है तो वकील आपसे 300 से 500 रूपये तक आपसे ले सकता है इसके अलावा फीस चेक की राशि पर निर्भर करेगी जितनी ज्यादा राशि का चेक होगा उतनी ज्यादा राशि देनी होगी
तो दोस्तो उम्मीद है की आपको इस जानकारी से बहुत मदद मिली होगी अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी तो अपने दोस्त के साथ शेयर करे और इससे जुड़े सवाल नीचे हमसे पूछ सकते है
